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Maa Ka Bulawa Aaya Hai

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بول
ऊँचे-ऊँचे पर्वत गाए

हमको अपने पास बुलाए

क़िस्मत वाले होते हैं वो

माँ जिनको आवाज़ लगाए

सपने में जगदम्बा ने अपना द्वार दिखाया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

सपने में जगदम्बा ने अपना द्वार दिखाया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

मेरी आँखों में जो देखी तूने पीर थोड़ी सी भी

हँसते-हँसते, माई, तेरे नैना भरे हैं

मेरी आँखों में जो देखी तूने पीर थोड़ी सी भी

हँसते-हँसते, माई, तेरे नैना भरे हैं

तेरे जैसा कौन जग में, जब चुभे हैं काँटें पग में

मुझसे पहले, माई, तेरे आँसू गिरे हैं, हाँ

बेटा माँ को भूल भी जाए, माँ ने कहाँ भुलाया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

सपने में जगदम्बा ने अपना द्वार दिखाया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

पौड़ी-पौड़ी चढ़ते जाओ, कहते जाओ "ਜੈ ਮਾਤਾ ਦੀ"

पास बहुत है माँ का मंदिर, सब दोहराओ "ਜੈ ਮਾਤਾ ਦੀ"

रुकने पाए ना जयकारा, सारे गाओ "ਜੈ ਮਾਤਾ ਦੀ"

...सारे गाओ "ਜੈ ਮਾਤਾ ਦੀ"

पाँव के छाले बोल रहे हैं, "माँ के सिवा सब माया है"

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

सपने में जगदम्बा ने अपना द्वार दिखाया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

आज तो रुकना मुश्किल है, माँ का बुलावा आया है

Maa Ka Bulawa Aaya Hai بذریعہ Jubin Nautiyal/Payal Dev/Manoj Muntashir - بول اور کور