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Teri Mitti Tribute Female

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بول
नन्ही सी हँसी, भोली सी खुशी, फूलों सी वो बाँहें भूल गए

जब देश ने दी आवाज़ हमें, हम घर की राहें भूल गए

हम सोए नहीं कई रातों से, ऐ जान-ए-वतन १०० चाँद बुझे

हमें नींद उसी दिन आएगी जब देखेंगे आबाद तुझे

तेरी मिट्टी में मिल जावाँ, गुल बनके मैं खिल जावाँ

इतनी सी है दिल की आरज़ू

तेरी नदियों में बह जावाँ, तेरे खेतों में लहरावाँ

इतनी सी है दिल की आरज़ू

मजबूर हुई जब दिल की दुआ तो हमने दवा से काम लिया

वो नब्ज़ नहीं फिर थमने दी जिस नब्ज़ को हमने थाम लिया

बीमार है जो किस धर्म का है हमसे ना कभी ये भेद हुआ

सरहद पे जो वरदी ख़ाकी थी अब उसका रंग सफ़ेद हुआ

तेरी मिट्टी में मिल जावाँ, गुल बनके मैं खिल जावाँ

इतनी सी है दिल की आरज़ू

तेरी नदियों में बह जावाँ, तेरे खेतों में लहरावाँ

इतनी सी है दिल की आरज़ू

Teri Mitti Tribute Female بذریعہ Jyotica Tangri/Manoj Muntashir - بول اور کور