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بول
तू कभी साया कभी धूप है

तू मेरे आईने का रूप है

तू जो पास है, हर ज़ख़्म आज़ाद है

मेरे सुकून का तू ही तो राज़ है

तेरी बाहों में

अंधेरा भी

रोशन सा लगता है

तेरी बातों से

अधूरा सपना भी

पूरा सा लगता है

यूँ कभी दिल तितली सा लगता है

छू लून तुझे तो

रग रग में रंग भरता है

तू जो पास है, हर ज़ख़्म आज़ाद है

मेरे सुकून का तू ही तो राज़ है

तेरी बाहों में

अंधेरा भी

रोशन सा लगता है

तेरी बातों से

अधूरा सपना भी

पूरा सा लगता है

तेरी बाहों में

तेरी बाहों में

तेरी बाहों में