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Mein Chahta Bhi Yahi Tha

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بول

मै चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले

मै चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले

उसे समझने का कोई तो

उसे समझने का कोई तो

सिलसिला निकले

मै चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले

किताब-ए-माज़ी के पन्ने उलट के देख ज़रा

किताब-ए-माज़ी के पन्ने उलट के देख ज़रा

ना जाने कौन सा पन्ना मुड़ा हुआ निकले

ना जाने कौन सा पन्ना मुड़ा हुआ निकले

जो देखने में बहुत ही करीब लगता है

जो देखने में बहुत ही करीब लगता है

उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले

उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले

उसे समझने का कोई तो

सिलसिला निकले

उसे समझने का कोई तो

सिलसिला निकले

मै चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले

Mein Chahta Bhi Yahi Tha بذریعہ Krunal Gujju Shah - بول اور کور