जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
ना कोई है, ना कोई था, ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
हो, चाँदनी जब तक रात, देता है हर कोई साथ
तुम अगर अँधेरों में ना छोड़ना मेरा हाथ
हो, चाँदनी जब तक रात, देता है हर कोई साथ
तुम अगर अँधेरों में न छोड़ना मेरा हाथ
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा
ना कोई है, ना कोई था, ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
वफ़ादारी की वो रश्में, निभाऐंगे हम-तुम क़समें
एक भी साँस ज़िंदगी की, जब तक हो अपने बस में
वफ़ादारी की वो रश्में, निभाऐंगे हम-तुम क़समें
एक भी साँस ज़िंदगी की, जब तक हो अपने बस में
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
ना कोई है, ना कोई था, ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा