मैं यहाँ तू कहाँ
मेरा दिल तुझे पुकारे
झुकी झुकी है नज़र झूमे झूमे रे जिगर
कोई क्यों हमें पुकारे
मैं यहाँ तू कहाँ
मेरा दिल तुझे पुकारे
झुकी झुकी है नज़र झूमे झूमे रे जिगर
कोई क्यों हमें पुकारे
मैं यहाँ तू कहाँ....
अंतराल संगीत
खिल रही चाँदनी रात है
जैसे चाँदी की बरसात है
खिल रही चाँदनी रात है
जैसे चाँदी की बरसात है
आज कह दो न जी खोल के
जो दिल में छुपी बात है
मैं यहाँ तू कहाँ
मेरा दिल तुझे पुकारे
झुकी झुकी है नज़र झूमे झूमे रे जिगर
कोई क्यों हमें पुकारे
मैं यहाँ तू कहाँ....
अंतराल संगीत
सच कह दूँ तुम्हें ओ बलम
बिछड़ेंगे नहीं तुम हम
सच कह दूँ तुम्हें ओ बलम
बिछड़ेंगे नहीं तुम हम
इक पल भी नहीं दूर हों
चाँद तारों की हमको क़सम
मैं यहाँ तू कहाँ
मेरा दिल तुझे पुकारे
झुकी झुकी है नज़र झूमे झूमे रे जिगर
कोई क्यों हमें पुकारे
मैं यहाँ तू कहाँ....
आ हा हा हा हा हा हा
ओ हो हो हो हो हो हो
उम हं हं हं हं हं हं हं
धन्यवाद