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Halka Halka

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بول
ये जो हल्का हल्का सुरूर है

तेरे इश्क़ का ही फितूर है

मैने जो लिखा था मिटा दिया

और तुझको अपना खुदा किया

ये जो हल्का हल्का सुरूर है

तूने कुछ किया तो ज़रूर है

जिस दिन से तू है दिखा पिया

मैने साँस लेना भुला दिया

जिस्म से रूह का

इक सफ़र हो तुम

आख़िरी साँस में

इक उमर हो तुम

दुनिया की भीड़ में

मुझको बस तू दिखे

क्या मैं तुमको दिखू

कहो ना तुम

ये जो हल्का हल्का सुरूर है

कुछ इश्क़ सा तो ज़रूर है

मैने जागना सोना भुला दिया

मुझे क्या से क्या है बना दिया

तू मेरे खून में

बह रहा है कहीं

तू मेरे ख्वाब में

जाग रहा है कहीं

मेरी हर बात में

बस तेरा ज़िक्र है

कुछ मेरे बारे में

कहो ना तुम

ये जो हल्का हल्का सुरूर है

तेरे इश्क़ का ही फितूर है

मैने जो लिखा था मिटा दिया

और तुझको अपना खुदा किया

किसी ने ना किया है

जैसा इश्क़ तेरा मेरा

मैं दौड़ता आता हूँ

कोई नाम ले जो तेरा

किसी ने ना किया है

जैसा इश्क़ तेरा मेरा

मेरे घामों की रात का

तू उजला सवेरा

किसी ने ना किया है

जैसा इश्क़ तेरा मेरा

मेरे घामों की रात का

तू उजला सवेरा

रहने दो ना नशे में

तुम फेरो ना नज़र

हल्का सा ही आया है

अभी चाहत का असर

किसी ने ना किया है

जैसा इश्क़ तेरा मेरा

मैं दौड़ता आता हूँ

कोई नाम ले जो तेरा

किसी ने ना किया है

जैसा इश्क़ तेरा मेरा

मेरे घामों की रात का

तू उजला सवेरा

Halka Halka بذریعہ Rahat Fateh Ali Khan/Abhijit Vaghani/Rashmi Virag - بول اور کور