menu-iconlogo
logo

Song by Rashi cueen

logo
avatar
Rashilogo
KalamAh_star37055560logo
ایپ میں گائیں
بول
:

दिल है कि मानता नहीं

दिल है कि मानता नहीं

मुश्किल बड़ी है रस्म-ए-मोहब्बत

ये जानता ही नहीं

ओ दिल है कि मानता

दिल है कि मानता

ये बेकरारी क्यों हो रही है

ये जानता ही नहीं

ओ दिल है कि मानता

दिल है कि मानता

दिल तो ये चाहे, हर पल तुम्हें हम

बस यूंही देखा करें

मर के भी हम ना, तुमसे जुदा हों

आओ कुछ ऐसा करें

मुझ में समा जा, आ पास आ जा

हमदम मेरे.. हमनशीं..

दिल है कि मानता

दिल है कि मानता

Song by Rashi cueen بذریعہ Rashi - بول اور کور