menu-iconlogo
huatong
huatong
بول
ریکارڈنگز
Whoa, दिल की दहलीज़ पे खड़ा है एक सपना, एक सपना

फ़िर क्यूँ? क्यूँ छुप के बैठ गया है ख़्वाब अपना? ख़्वाब अपना

अंजान राहें, ना जाने कहाँ बुलाएँ

अंजान राहें, ना जाने कहाँ ले जाएँ

ग़म में ख़ुशी हो, इन आँखों में जब नमी हो

सारे सितारे छू लूँ मैं आज

तूने लिखी है ख़ुद से अपनी ही दास्ताँ

तू जी रहा है

तूने है खींची लकीरें अपने हाथों की

कर ख़ुद पे तू पूरा यक़ीं

अंजान राहें, ना जाने कहाँ बुलाएँ

अंजान राहें, ना जाने कहाँ ले जाएँ

ग़म में ख़ुशी हो, इन आँखों में जब नमी हो

सारे सितारे छू लूँ मैं आज

Ravator/Anand Bhaskar کے مزید گانے

تمام دیکھیںlogo

یہ بھی پسند آسکتا ہے

Sitaara بذریعہ Ravator/Anand Bhaskar - بول اور کور