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Thondru Nee

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بول
ये साँसे थर्र थराए

जो तू थामे मुझको

क्या है तू कोई सपना

या अपना कोई दिल के जो पास हो

आ रही हूँ मैं तू खिंचे मेरी डोर

हु करीब मैं अब तेरी और

दिल में बातें जो दबी हैं

कहनी है सब तुझसे

जो दिल में है तेरे

आ कहदे तू मुझसे

तू कौन है

मुझे बतला तू

तू कौन है

झलक दिखा

क्या तू वही है जिसका मुझे था इंतेज़ार

कौन है है क्या छिपा हाँ..

जो आज है यक़ीं वो ना कभी था मुझको

ख़ुद से रहे हमेशा

ना जाने कितने गिले मुझको

क्यूँ अलग हूँ सबसे इतनी क्यूँ औरों सी नहीं

क्या आज ही जवाब भी मिल जाएँगी मुझको

तू कौन है

ना डर ना फ़िकर है

मैं चल दूँ ले चल जहाँ

हो ना हो रबता कोई तो है अपना

तू कौन है

सच कर सपना

तू आ भी जा देखूँ तुझको

क्यूँ है तेरी चाहत मुझको

तू आ भी जा देखूँ तुझको

क्यूँ है तेरी चाहत मुझको

माँ के आँचल में छुप्प जाओ

गले लगा

हाँ जानू मैं तूहि मेरी ताक़त

मानू मैं मेरे है हम मान

क्या तुझे है ख़ुद पे ऐतबार

है ऐतबार

तू कौन है

हाँ

Thondru Nee بذریعہ Shruti Haasan/Sunitha Sarathy - بول اور کور