menu-iconlogo
logo

Tarsati Hai Nigahen (Ghalat Fehmi)

logo
بول
प्यार था वक़्त नहीं

जो बीत गया दो पल में

दो पल में

तू बनके याद रहे

फ़रियाद रहेगा दिल में

दिल में

क्यूँ अब इक लफ्ज़ नहीं

दिल कहने की हालत में (हालत में)

सोचा कहूंगा एक दिन

ऐसा नहीं कहीं कोई है

ग़लत फहमी जो बनी है (जो बनी है)

खोया नहीं अपनापन

एहसास की राह चुनि है (चुनि है)

मॅन था बड़ा तू होता मेरा

तू ना मिला, गम है तेरा

तर्स्ति हें निगाहें मेरी

तकती हैं राहे तेरी

चाहिए पनाह तेरी

ये कैसे मै बताऊ

तुझे सोती रहे आँखे मेरी

कटती नहीं रातें मेरी

तर्स्ति हें निगाहें मेरी

तकती हैं राहे तेरी

चाहिए पनाह तेरी

ये कैसे मै बताऊ

तुझे सोती रहे आँखे मेरी

कटती नहीं रातें मेरी

जो तू ना मिला मुझे, ऐ ऐ

हो हो हो हो हो

कल थे यहीं

क्यूँ अब नहीं

तुम और मैं साथ दोनों (साथ दोनों)

क्या मिल गयी तुमको ख़ुशी

होके जुदा ये तो बोलो (ये तो बोलो)

क्यूँ दिया दर्द हमें

बस आज तलक ना समझे

बुरे हैं क्या इतने

तुम आ ना सके जो मिलने

तू हमको भूल गया

बस यार हम ही पागल थे

सोचा तुम्हें जो रात दिन

तर्स्ति हें निगाहें मेरी

तकती हैं राहे तेरी

चाहिए पनाह तेरी

ये कैसे मै बताऊ

तुझे सोती रहे आँखे मेरी

कटती नहीं रातें मेरी

तर्स्ति हें निगाहें मेरी

तकती हैं राहे तेरी

चाहिए पनाह तेरी

ये कैसे मै बताऊ

तुझे सोती रहे आँखे मेरी

कटती नहीं रातें मेरी

जो तू ना मिला मुझे

जो तू ना मिला मुझे

दिल को क्या बताऊंगा

दिल को क्या बताऊंगा

Tarsati Hai Nigahen (Ghalat Fehmi) بذریعہ Soumya Mukherjee - بول اور کور