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Ghum Nahi

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بول
वो ना भी आयें तो गम नही

वो ठहरे हैं ज़ालिम पर हम नही

अब जी भी तो चाहता है रोने का

पर होती हैं आँखें यह नम नही

अब पास मेरे कोई भरम नही

मुझ में बस यादें दफ़न रहीं

अब जी भी तो चाहता है हँसने का

पर होते ये दुखड़े क्यू कम नही

अब उठाया तक ना फोन मेरा

उसके सिवा इधर कौन मेरा

ज़िंदगी से नया गीला रोज़ मेरा

मैं किस्मातों को बुरा भला बहोत कह रहा

बैठे हालातों से हार के हम

वक़्त की घड़ी में कहीं तो गिरफ्तार थे हम

ज़माने की नज़र में तो बेकार थे हम

पर उनके लिए बड़े जानिसार थे हम

वादा निभाया ना जाए तो वहीं तोड़ देना

हमसफ़र ना बन सको तो वहीं छोड़ देना

अगर खफा हो तो मिलके कभी बोल देना

अगर मैं दगादार थोड़ी सज़ा और देना

दगाबाज़ मुझे कोई पहचान नही है

वो कहें वफएिन निभाना कोई आसान नही है

कैसे ऐतबार करें गी वो भल्ला मेरा

उसका मान ना महकशुन का ईमान नही है

Yeh अब रहें ना रहें हम

गम सहना सके हम

युही लिखदे यह फ़लसफ़े

पूछो तो उसको के याद भी हैं हम

वो ना भी आ पाए तो गम नही

वो ठहरे हैं ज़ालिम पर हम नही

अब जी भी तो चाहता है रोने का

पर होती हैं आँखें यह नम नही

अब पास मेरे कोई भरम नही

मुझ में बस यादें दफ़न रहीं

अब जी भी तो चाहता है हँसने का

पर होते ये दुखड़े क्यू कम नही

नशा था उतार गया, वक़्त है गुज़र गया

बेबसी के आलम में , समझ मैं मार गया

जब दर्र गया तलब रही तेरी क्यूँ

सब साथ तेरे अकेली तू

तेरे आगोश में बिखर ही ना जायें

मुकर भी ना पायें

अब घर ही ना जायें हम

कैसे वफाए निभायें

निभाते निभाते के

मर ही ना जायें हम

हुआ नीलाम हसरातों के बेज़ार पर

अब दिल भी दियाए जाते हैं मायार पर

तू ख़ान होगी तुम्हे हमसे दिल्लगी

कुछ नही बचता मुझ में मसुक़ी निकाल कर

वो देते नसीयत, अब मेरी मिसाल पर

ख्वाब है अब, रखा यूँ संभाल कर

अज़ीयत ही मिलती जब आते हो याद तुम

अब लौट आना बस मेरे विसाल पर

अब रहें ना रहें हम

गम सहना सके हम

युही लिखदे यह फ़लसफ़े

पूछो तो उसको के याद भी हैं हम

वो ना भी आयें तो गम नही

वो ठहरे हैं ज़ालिम पर हम नही

अब जी भी तो चाहता है रोने का

पर होती हैं आँखें यह नम नही

अब पास मेरे कोई भरम नही

मुझ में बस यादें दफ़न रहीं

अब जी भी तो चाहता है हसने का

पर होते ये दुखड़े क्यू कम नही

Ghum Nahi بذریعہ superdupersultan - بول اور کور