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Afsana Likh Rahi Hoon - Trap Mix

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بول
अफ़साना लिख रही हूँ दिल-ए-बेक़रार का आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

अफ़साना लिख रही हूँ दिल-ए-बेक़रार का आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में

नहीं है बहार में

जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में

नहीं है बहार में

जी चाहता है मूँह भी

जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का

आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

अफ़साना लिख रही हूँ

हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें

ज़माने की दौलतें

लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का

आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये

आँसू भी आ गये

आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये

साग़र छलक उठा

साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का

आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

अफ़साना लिख रही हूँ

अफ़साना लिख रही हूँ दिल-ए-बेक़रार का

आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

Afsana Likh Rahi Hoon - Trap Mix بذریعہ Tun Tun/DJ Tarun Makhijani - بول اور کور