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Dil Ka Pata

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بول

दुनिया में क्या है जो नायाब है

मीठी मीठी तेरी हँसी

कुदरत में क्या है जो सादाब है

जहाँ पाँव तेरे पड़े वो ज़मीन

जल रही है लो कहाँ बता

वो मेरे दिल का है पता

क्या है सब से जुदा

तेरी हर इक अदा

आशिया है कहाँ

तेरा दीदार हो जहाँ

मेरे सारी रातों की चोरी

चुपके से करली चाँद ने

चुपके से चाँद ने

आँखें बनके चकोरी

सपनो की डोरी बाँध ने

दोनो लगी बाँधने

धे रे ना ना ना धे रे ना ना

धे रे ना ना ना ना आ

धे रे ना धे रे ना

धे रे ना धे रे ना

रेशम की धागे सा नाज़ुक है क्या

बहता ये लम्हा पिया

मशहूर किसकी है खुसकिस्मती

तूने जिसे चुन लिया

मेरे से भी नशीली क्या चीज़ है

तेरे होठों की देहलीज़ है

ओढ़ लूँ मैं कौन सी ओढनी

चंदा की रोशनी ये मन कहे

मेरे सारी रातों की चोरी

चुपके से करली चाँद ने

चुपके से चाँद ने

आँखें बनके चकोरी

सपनो की डोरी बाँध ने

दोनो लगी बाँधने

जंग जारी है क्यूँ बेवजह

जिद्दी है सारी फ़िज़ा

भर लूँ तुझे आपनी बाहों में तो

हो जाउंगी मैं तबाह

रब से माँगो की क्या दुआ

साथ तेरे मेरी हर सुबह

परछाईयाँ जो रूठे तो

शाम लेंगे ज़रा

मेरे सारी रातों की चोरी

चुपके से करली चाँद ने

चुपके से चाँद ने

आँखें बनके चकोरी

सपनो की डोरी बाँध ने

दोनो लगी बाँधने

Dil Ka Pata بذریعہ Vishal Chandrashekhar/Abhay Jodhpurkar/Sinduri Vishal - بول اور کور