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Bechayan Sapne (From "Chittagong")

Abhijeet Sawant/Mahalashmi Iyer/Shankar Mahadevan/Gulraj Singhhuatong
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Lời Bài Hát
Bản Ghi
बेचैन है सपने नए आसमां बुलाए

पंख ये बोले डोलो डोलो डोलो

सागर की लेहरें झील मे समाएं

पानी ये बोले खोलो खोलो खोलो

एक जंग है जारी ये रूह है भारी

नज़रों के आगे कैसा ये धुआँ

एक राह कहे आ चल गीत नया गा

पर बढ़ ना सकु रोके जाने क्या

ये दिल कुछ बोले जां कुछ बोले

जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे

हो कभी खींचे जुनू कभी खींचे जहाँ

जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे ( मन पाखी रे)

दूर आवाज़े खोल दे ना रे

बंदे है उम्मीद के धारे

मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए

उलझे उलझे रात के धागे

काट अंधेरे सुबह जागे

धूप का परचम आगे आगे रे

साथी रे साथी रे

सूरज है तू बादल हटा

खुल के गगन पे

रोशन होज़ा आजा ज़रा

पीछे सुरंग आगे तरंग

सोचे तू क्या बन के हवा

लेहरजा ज़रा

आजा आजा छा जा छा जा

सन सनन लेहरजा आजा

कैसा डर है ये सफ़र है

खुद को खोने के बहाने आजा

ये दिल कुछ बोले जां कुछ बोले

जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे (पाखी रे)

हो ओ कभी खींचे जुनू कभी खींचे जहाँ

जाऊँ में कहाँ तडपे मन पाखी रे (पाखी रे)

दूर आवाज़े खोल दे ना रे

बंदे है उम्मीद के धारे

मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए (ओ ओ)

उलझे उलझे रात के धागे (ओ ओ ओ ओ)

काट अंधेरे सुबह जागे (ओ ओसाथी रे)

धूप का परचन आगे आगे रे (साथी रे)

दूर आवाज़े खोल दे ना रे (ए ए ए)

बंदे है उम्मीद के धारे (ए ए ए)

मन का बिगुल भी तुझको पुकारे ए ए ए (साथी रे)

उलझे उलझे रात के धागे

काट अंधेरे सुबह जागे

धूप का परचम आगे आगे रे

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