पैसा और शोहरत कभी काफ़ी नई
नफ़रत से मिलती नफ़रत खुशियाँ आती नई
दो पल की ज़िंदगी मे देखा इतना की अब
लगता जैसे कुछ भी साला बाकी नई
ज़िंदगी सर्कस है यहा पे सारे जोकर
हेस्ट रहते आयेज लोग पीच्चे बोझ धो कर
सबकी ज़िंदगी है तकलीफ़ों से ही भारी
तो ना खरॉच उसको कर मदद भला इंसान होकर
वो कर जिससे लोग याद रखे तुझे
मरने के बाद भी च्चाले तेरा नाम लेके दूजे
वो भी ज़िंदगी है किस काम की
अगर हर समय तुझे बस अपनी खुशियाँ
और अपनी ही परेशानी सुझे
कल हो ना हो
आज जो मिला है तो
खुदसे और दूसरो से बस
इंसानियत के नाते होड़
बुरा ना सोच आयेज पोोच
दूजे के भी रास्ते खोज
एक दूसरे का सहारा बन ना बन किसी पे बोझ
ज़रा देख अपने आस पास का मंज़र
जात के है नाम पे चलाते लोग खंजर
बन चुका व्यापार इनको जान की कोई कीमत नई
इंसान ही सबसे बेहतर
और इंसान ही सबसे बदतर
सिर हड्द हो चुकी है सरहद पे
कब तक चलेंगी जुंग इन घाव के कोई मलम नई
लिख सके जो ढंग से आज ऐसी कलाम नई
क्योकि अब आज़ादी के मतलब से किसिको मतलब नई
तू इंसान बॅन
सोच को दबा इससे पहले सोच दबोच ले
तू इंसान बॅन
साथ रह हुमेशा ना है बड़ी चीज़ पैसा
तू इंसान बॅन
सोच को दबा इससे पहले सोच दबोच ले
तू इंसान बॅन
साथ रह हुमेशा ना है बड़ी चीज़ पैसा
बिक गयी है सोच तेरी
क्यूकी भड़का तू भड़काने से
जाने अंजाने मे
आया तू बहकावे मे
माना जो भी कहते गये
घूम हुआ शोर शराबो मे
दिखे ना असली चेहरे
जो च्छूपे हुए थे इन नक़ाबो मे
अब है संदूक तुम्हारे कंधो पे
गोलियाँ चलाई आख के बंदूक तुम्हारे कंधो पे
घायल तेरे अपने तो
ये खून तुम्हारे पंजो में
अब मुझको तू बता दे क्या हासिल हुआ इन दंगो से
समझदार को इशारा काफ़ी
तूफान मे फेज़ हुए मांझी को किनारा काफ़ी
हर एक खबर को
तेरी सोच का सहारा काफ़ी
क्यूकी कुछ लोगो को
बस एक पैसे का लिफ़ाफ़ा काफ़ी
सच बोलने वालो के मूह पे लगाया टाला
पहले था शक़
अब तो पूरा डाल ही है दिखता काला
सबको पता है
चारो ओर ना इंसाफी है
पर जब तक खुद है सेफ
वही हुमारे लिए काफ़ी है?
तू इंसान बॅन
सोच को दबा इससे पहले सोच दबोच ले
तू इंसान बॅन
साथ रह हुमेशा ना है बड़ी चीज़ पैसा
तू इंसान बॅन
सोच को दबा इससे पहले सोच दबोच ले
तू इंसान बॅन
साथ रह हुमेशा ना है बड़ी चीज़ पैसा