जाने फ़िर से कैसे मुझसे
जाने फ़िर से कैसे मुझसे
तुम हो गए जुदा
ज़िंदगी से गुमशुदा
ये फ़ासले ख़ुद कह रहे
"हम ना जुड़ेंगे फ़िर कभी"
ये रास्ते ख़ुद कह रहे
"हम ना मिलेंगे फ़िर कभी"
जाने फ़िर से कैसे मुझसे
तुम हो गए जुदा
ज़िंदगी से गुमशुदा
कल को हम जो मिलेंगे कभी
गुनगुना देना ये गाना
कल को हम जो रहें ना रहें
रहेगा सदा ये अफ़साना
वो मुलाक़ातें भी थी सौग़ातों से
होके मेरा भी ना तू मेरा
जाने फ़िर से कैसे ख़ुद से
मैं हो गई जुदा
दुनिया से भी लापता
जो ना हुए, जो ना होंगे
जो भी थे हम-तुम
माज़ी में सब गुम
हालातों से है शिकायतें
क़िस्मतों को भी था नहीं ये क़ुबूल