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कोई नही पूछता बुरा था वक़्त और हलाक था सुखरा
मैं गली में सुम्म था
सड़क पे कर्रे थे बिज़्नेस खुदका
नही मदात कोई पूछता
काटते ये सिर पेर कभी नही जुक्ता
मैं गली मैं सुम्म था
और सौ ख़यालो गुम था
मैं बातें नही करता किताब से
मॅाफ करना पद्रा क़ुरान पे
ख़याल जब आते दिमाग़ में
मदत में मगरा खुदा से
मेरे जैसे यहाँ कितने उदास है
मेरा जैसे ही कितनो की प्यास है
दिखाते नही शकल जो जल्दी
जैसे हम ईद चाँद है
1 घंटे में 100 से ख़याल है
उसमें से 70 सवला है
मैं रहता नही कभी अकेला
साथ अपने परवेर डीगार है
आज कल क यह बच्चे भी सही है
माँ बाप को घर से निकलते
शायद कयामत है पास में(शायद कयामत है पास में)
कोई जीरा future में अभी से
कोई जीरेला अभी भी past में
चिंता है कैसी इंसान की
जो निकलती आज को बिगाड़ के
मेरा दुःख गया शायरी सीखके
मुझे दुख मिले सुःख को बातके
इंसान इंसान को काटते शैतान यह देखके मुस्कुराते
कोई नही पूछता
सुनता हिफोप तू अछा इंसान बन
धूपते मुसाफिर क मदात का हाथ
मरने से फेले कुछ आइसा वो काम कर
जीलेरा आज पर
फिकर सताती यह रात भर
ग़लती का कुछ तो हिसाब कर
बंडों को माफ़ कर
खुदकी तलाश कर
दिल में जो विष है तू उसका विनाश कर(ररर आ)
हम घोल के मजबूरी ग्लास में लेरे थे घूँट
में भूला नही रूट
और गला था सुखरा
तू आता है पहला या दूसरा
अब शहेर यह खून है चूस्रा
कोई नई पूछता
जब होते दरवाज़े बंद
में लिखता था कमरों में पन्नों पे गम
जितना भी किया सब लगता था कम
भरता नही मन
कोई नही पूछता बुरा था वक़्त और हलाक था सुखरा
मई गल्ली मई सुम्म था
सड़क पे कर्रे थे बिज़्नेस खुदका
नही मदद कोई पूछता काटते ये सिर पेर कभी नही जुक्ता
मैं गली मैं सुम्म था
और सौ ख़यालो गुम था
सर रखता उच्छा चुनोती को चूनता
मैं कमरे में सुम्म था
गानों को सुनता और खुदको धुनता
भटके थे रास्ते हुमारे वो समझे पागल बिचारे(पागल)
शराफ़त का शकल से मैल नही
यह हुमको पागल बनारे
और यह हुमको हसल सिखहरे
दिखती थी तक़लीफें तब मेरे फेस पे
करते यह रेस तो हम भी यहाँ तेज़ थे
डिल रखा सॉफ और गंदे बस ग्रेड्स थे
खिस्से मई पत्ते और pocket मई blade थे
कर्रे थे chase यह
हूमें भरने थे पेज यह
रखा बंडों ने गेरके
लेकिन खड़े हम शेर थे
और कितने गये भागके बीच में
show करना मुझको अब लाख के बीच में
हम बंडों को मरते स्ट्रीट्स पे
समझ नही थी अभी कान को खिचते
Robinhood बनगाएले अज्ज हम scene के
अब बनगेले बाज़ हम scene के
जल्दी करेंगे राज हम scene पे
रिश्ता पुराना ज़मीन से
यहाँ तक आये रेहके ज़मीन पे
मेरे दोस्त लोग मसलते जारे
लड़के सब सफ्फर पे जारे
गिरते जो संभलते जारे
पर यह हमको समाज नहीं पारे
जब भरोसा नहीं रखता कोई नभी भरोसा रख अपने आप्पे
फिर पैर अपना रख हिसाब से
और संभल न इनके श्राप से(yeah)
कोई नही पूछता बुरा था वक़्त और हलाक था सुखरा
मई गल्ली मई सुम्म था
सड़क पे कर्रे थे बिज़्नेस खुदका
नही मदद कोई पूछता कटते ये सिर पेर कभी नही जुक्ता
मैं गली मैं सुम्म था
और सौ ख़यालो गुम था