आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे
बैंगन की टोकरी में सो रहे थे
बैंगन ने लात मारी रो रहे थे
मम्मी ने प्यार किया, हंस रहे थे
पापा ने पैसे दिए, नाच रहे थे
भईया ने लडू दिया खा रहे थे
आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे
बैंगन की टोकरी में सो रहे थे
बैंगन ने लात मारी रो रहे थे
मम्मी ने प्यार किया, हंस रहे थे
पापा ने पैसे दिए, नाच रहे थे
भईया ने लडू दिया खा रहे थे