हुए जो कायनात से, यकीन है उसके हाथ में
तो कैसी यह बेरुखी तेरी
कायम हुए कमाल थे वो, एक बेमिसाल थे
यह दुनिया जो कहती गई
ठहर जा तु, आके मिल जा तु
कहां है तु, मुझमें घुल जा तु
इस तरह!
जाना तुझे, पहचाना तुझे
जान के भी फिर क्यों अंजाना लगे
करवटें बढ़े, सांसें ये रुकें
देख लूं तुझे, अब इश्क ये चढ़े
बोले, पास आ तु
आके मिल जा तू
(अंजाना लगे)
अब रुक जा तु
मुझमें घुल जा तु
(इश्क ये चढ़े)
ठहर जा तु
आके मिल जा तु
(अंजाना लगे)
कहां है तु
मुझमें घुल जा तु
(इश्क ही चढ़े)
इस तरह!