तुम ने कहा था साथ जियेंगे
होंगे न जुदा हम कभी
हाथ ये थामे चलती रहूंगी
वक़्त ये ले जाए कहीं
जूठी हे ये साड़ी कस्मे
सारे वादे प्यार के
दफन में उनको यूँ क्र आया
जश्न में अपने
हार के तो फिर आँखों में नमी
क्यों में रोता हूँ आज भी
क्या गलती तेरी हे कमी
क्यों में रोता हूँ आज भी