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Baadalon Mein Ghar

Akanksha Sethi/anurag mishrahuatong
p.sam61huatong
歌词
作品
दबे-दबे पाँव से आए बूँदों की लहर

हवा-हवा जादू से बनता ख़ुशबुओं का घर

लगे-लगे आसमाँ जैसे एक नया शहर

ज़रा-ज़रा ढूँढ लें हम-तुम बादलों में घर

बादलों में घर, ओ

बादलों में घर

हो कहीं (बादलों में घर), ओ, सारी उमर

धुआँ-धुआँ ही मिले क्यूँ हर मोड़, हर डगर

खोए-खोए से रहें हम-तुम पहर-दर-पहर

कहा-कहा धूप से फ़िर भी थोड़ा सा ठहर

ज़रा-ज़रा ढूँढ ले हम-तुम बादलों में घर

हो गई है ये बात रब से

मिल गया एक बादल अलग से

धूप का भी कोना है जिसमें

रंगों का भी होना है जिसमें

बादलों में घर, ओ, (बादलों में घर)

बादलों में घर (बादलों में घर मिल गया)

बादलों में घर, ओ, सारी उमर (बादलों में घर)

बादलों में घर, ओ, (बादलों में घर)

बादलों में घर (बादलों में घर मिल गया)

बादलों में घर, ओ, सारी उमर (बादलों में घर)

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