menu-iconlogo
huatong
huatong
amirbai-karnataki-jeevan-jyoti-bujhti-jaye-cover-image

Jeevan Jyoti Bujhti Jaye

Amirbai Karnatakihuatong
esquecida1huatong
歌词
作品
जीवन ज्योति भहुजती जाए

तुझ बिन कौन जगाए

तुझ बिन कौन जगाए

परभु जी परभु जी

तुझ बिन कौन जगाए

चारो और छाया अंधियारा

सुझत नही दूर किनारा

चारो और छाया अंधियारा

सूज़्त् नही डोर किनारा

तेरा ही है एक सहारा

तेरा ही है एक सहारा

तुझ बिन कौन सुझाए

तुझ बिन कौन सुझाए

परभु जी परभु जी

तुझ बिन कौन सुझाए

दुख आए परवाह नही है

सुख पाने की चाह नही है

दुख आए

मैं मूर्ख मंज़िल को डुँड़ी

मैं मूर्ख मंज़िल को डुँड़ी

तुझ बिन कौन बताए

तुझ बिन कौन बताए

परभु जी परभु जी

तुझ बिन कौन सुझाए

उलझे है जाग

उच नीच की उलझन में

उच नीच की उलझन में

बोलो कैसे चैन मिले

फिर जीवन में

चैन मिले फिर जीवन में

बनी हमारी बिगड़ रही है

बनी हमारी बिगड़ रही है

तुझ बिन कौन बनाए

तुझ बिन कौन बनाए

परभु जी परभु जी

तुझ बिन कौन बताए

更多Amirbai Karnataki热歌

查看全部logo

猜你喜欢