मंजिलें रुसवा है
खोया है रास्ता
आये ले जाये इतनी सी इल्तजा
ये मेरी ज़मानत है
तू मेरी अमानत है
आ आ आ आ
मुझको इरादे दे
कसमें दे वादे दे
मेरी दुआओं के इशारों को सहारे दे
दिल को ठिकाने दे
नये बहानें दे
ख़्वाबों की बारिशों को
मौसम के पैमाने दे
अपने करम की कर अदाएं
कर दे इधर भी तू निगाहें
सुन रहा है ना तू
रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
क्यू रो रही हूँ मैं
यारा आ आ आ आ
वक़्त भी ठेहरा है
कैसे क्यूं ये हुआ
काश तू ऐसे आये
जैसे कोई दुआ
तू रूह की राहत है
तू मेरी इबादत है
आ आ आ अपने करम की कर अदाएं
कर दे इधर भी तू निगाहें
सुन रहा है ना तू
रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
क्यूँ रो रही हूँ मैं