menu-iconlogo
huatong
huatong
歌词
作品
बावरा सा मन ये माने ना

तेरी आहट से ये मुँह मोड़े ना

ऐसी लागी मुझसे ये चादर तेरी

कुछ भी अब मैं माँगूँ नहीं

परछाइयों से तेरी छूटे ना

अब समझे ना मन मेरा

इन रिश्तों के धागों से बँधा हुआ

अब तू

ना जाने क्यूँ

राहों से दूर

क्यूँ ऐसी धूप?

मन है पंछी मेरा भागे तेरी ओर, तू डाले दाना

मौक़ा तू दे मुझको, जितने वादे सबको है निभाना

थोड़ी ग़लती जब करूँगा, रूठना ना मुझसे ज़्यादा

हाँ, मैं थोड़ा पागल हूँ, पर दूर मुझसे ना जाना

सच्चाइयों के मैं अलावा कुछ भी ना कहूँगा

अब तू ही है दिल में मेरे

मन में जितनी बातें हैं, बता भी ना

अब तू

मेरी है रूह

मेरी ज़िंदगी का नूर

तू ही, बस तू

अब कहती हूँ

कहना है बाक़ी क्या?

तू जो ऐसे ही रूठा हुआ

मुझसे यूँ क्यूँ है जुदा?

अब तू

ना जाने क्यूँ

राहों से दूर

क्यूँ ऐसी धूप?

更多Anubha Bajaj/Karm Solah热歌

查看全部logo

猜你喜欢