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O Meri Laila

Atif Aslam/Jyotica Tangrihuatong
papatek123huatong
歌词
作品
पत्ता अनारों का पत्ता चनारों का जैसे हवाओं में

ऐसे भटकता हूँ दिन रात दिखता हूँ मैं तेरी राहों में

मेरे गुनाहों में मेरे सवाबों में शामिल तू

भूली अठन्नी सी बचपन के कुरते में से मिल तू

रखूं छुपा के मैं सब से वो लैला

मांगूं ज़माने से रब से वो लैला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

तेरी तलब थी हाँ तेरी तलब है

तू ही तो सब थी हाँ तू ही तो सब है

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

ओ मेरी लैला लैला ख्वाब तू है पेहला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

ओ मेरी लैला लैला ख्वाब तू है पेहला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

मांगी थी दुआएं जो उनका ही असर है हम साथ हैं

ना यहाँ दिखावा है ना यहाँ दुनयावी जज़्बात हैं

यहाँ पे भी तू हूरों से ज्यादा हसीं

यानी दोनों जहानों में तुमसा नहीं

जीत लि हैं आखिर में हम दोनों ने ये बाजियां

रखूं छुपा के मैं सब से वो लैला

मांगूं ज़माने से रब से वो लैला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

तेरी तलब थी हाँ तेरी तलब है

तू ही तो सब थी हाँ तू ही तो सब है

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

ओ मेरी लैला लैला ख्वाब तू है पेहला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

ओ मेरी लैला लैला ख्वाब तू है पेहला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

जाइका जवानी में ख़्वाबों में यार की मेहमानी में

मर्जियां तुम्हारी हो खुश रहूँ मैं तेरी मनमानी में

बंद आँखें करूँ दिन को रातें करूँ

तेरी जुल्फों को सहला के बातें करूँ

इश्क में उन बातों से हो मीठी सी नाराज़ियाँ

रखूं छुपा के मैं सब से वो लैला

मांगूं ज़माने से रब से वो लैला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

तेरी तलब थी हाँ तेरी तलब है

तू ही तो सब थी हाँ तू ही तो सब है

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

ओ मेरी लैला लैला ख्वाब तू है पेहला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

ओ मेरी लैला लैला ख्वाब तू है पेहला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

रखूं छुपा के मैं सब से वो लैला

मांगूं ज़माने से रब से वो लैला

कब से मैं तेरा हूँ कब से तू मेरी लैला

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