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Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega

Dark shadow/Arijit Deyhuatong
leopup1huatong
歌词
作品
क्या लेके तू आया था और क्या लेके तू जाएगा

क्या लेके तू आया था और क्या लेके तू जाएगा

ऊंच नीच और जात पात से ऊपर कब उठ पाएगा

सब के अंदर राम बसा है नफरत किस से कर पाएगा

मन को साफ़ तू कर ले क्यों की पता नहीं

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आके

सारे जग को बनाने वाला एक है मुरली वाला

कोई है राजा कोई भिखारी खेल है उसका निराला

भोग रहा है तू अपने कर्म को दोष नहीं है किसी का

पास में आ प्रेम बाटा है होता हिसाब उसी का

सब के अंदर राम बसा है दिल किस का तू दुख पाएगा

बाँट ले थोड़ा प्यार तू क्यों की पता नहीं

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आके

खुशनसीब है वो इस जग में जिनका पेट भरा है

उनसे पूछो जिसने पेट की आग से भी लड़ा है

पेट भरे तू अगर भूखे का कर्म ना इस से बड़ा है

क्या पता वो भूखा तेरे दर पर खूद मुरली वाला खड़ा है

सब के अंदर राम बसा है भूखा किस को रख पाएगा

दान तू कर दिल खोल के क्यों की पता नहीं

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा

पता नहीं किस रूप में आके

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