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Sukoon

Hassan/Roshaanhuatong
micnewman0767huatong
歌词
作品
ज़िंदगी

है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से

ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

तू ही है सुकून मेरा

तू ही है कयाम वे

घर जो सवार दे तू

बरसे गा आब वे

कभी तू दरार दिल की

पाए गी दरया

जिसे ढूंढता सदियों से करे इंतज़ार

ओ ओ

ज़िंदगी है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

केहदूँ में

ये बिन कही बातें यून

सुनले ना ये दिल की सदा

आँसू

जाने

बोलते फिर क्या

गम, कोई बतलादे ना

ज़िंदगी

है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

कभी आग मैं भी बरसे

सर्दियों से महके पल

कभी बारीशों में भी हो

आतीशों में जलता मन

मेरा बेकरार दिल ये

ढूंढता दरबार

तेरे दर के रास्ते में

हो गया तन्हा

ज़िंदगी है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से

ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

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