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Mero Mann Vrindavan Mein Atko

indresh upadhyayhuatong
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歌词
作品
[संगीत]

मेरो मन वृंदावन में अटको

मेरो मन हरि चरणन में अटको

बनके जोगन डोलत ब्रज में

बनके जोगन डोलत ब्रज में

पीवत यमुना जल को

मेरो मन वृंदावन में अटको

मेरो मन हरि चरणन में अटको

[संगीत]

मेरो मुझ में कुछ ना मोहन

तेरी मिट्टी तेरो कण कण

मेरो मुझ में कुछ ना मोहन

तेरी मिट्टी तेरो कण कण

वृंदावन की कुंज गलिन में

वृंदावन की कुंज गलिन में

मिल जाओ प्रभु मुझको

मेरो मन वृंदावन में अटको

मेरो मन हरि चरणन में अटको

[संगीत]

इस जोगन के तुम हो साजन

करना है सब आत्म समर्पन

इस जोगन के तुम हो साजन

करना है सब आत्म समर्पन

अंत समय आनंद मिले मोहे

अंत समय आनंद मिले मोहे

बस वेणु के रस को

मेरो मन वृंदावन में अटको

मेरो मन हरि चरणन में अटको

[संगीत]

याद में तोरी भई बावरी

सुध लो मोरी कुंज बिहारी

याद में तोरी भई बावरी

सुध लो मोरी कुंज बिहारी

अब आओ मेरे प्राण पियारे

अब आओ मेरे प्राण पियारे

अपनाओ या जन को

मेरो मन वृंदावन में अटको

मेरो मन हरि चरणन में अटको

बन के जोगन डोलत ब्रज में

बन के जोगन डोलत ब्रज में

पीवत यमुना जल को

मेरो मन वृंदावन में अटको

मेरो मन हरि चरणन में अटको

गिरिधर नागर नटवर नागर तरसे मेरो मन

खींचे मेरो ध्यान बुलावे तेरो वृंदावन

बरसे नैना बैरी रैना कब दोगे दर्शन

यमुना तट पे इक दिन मुझको मिल जाओ मोहन

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