menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Main Na Jaanu Kyun

Jubin Nautiyal/Faridkothuatong
qmasood1huatong
歌词
作品
तेरी आँखों की किरणों में सूरज का सोना है

जिसको बटोरूँ सारी रात

तेरे ख़्वाबों की धरती पे साँसों की गर्मी को

छू कर जले हैं मेरे हाथ

फिर भी तुझ से शुरू

तुझपे ही ख़तम

होती है हर मेरी बात

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

मेरे दिल की दीवारों पे अब तो चढ़ा है

तेरे प्यार का रंग ये लाल

लोग ये पूछें, "क्यूँ हो रहा दीवाना"

पर मैं भी ना बोलूँ क्या है मेरा हाल

क्यूँकि तुझ से शुरू

तुझपे ही ख़तम

होते हैं सब सवाल

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

हर साँस में है तेरा ही नशा

हर लफ़्ज़ में तेरी याद

हर साँस में है तेरा ही नशा

हर लफ़्ज़ में तेरी याद

तू ही तू दिन के उजालों में है

तू ही अँधरों के बाद

क्यूँकि तुझ से शुरू

तुझपे ही ख़तम

होते हैं सब जज़्बात

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

मैं ना जानूँ क्यूँ, मैं ना जानूँ क्यूँ

मैं ना जानूँ क्यूँ (मैं ना जानूँ क्यूँ)

मैं ना जानूँ क्यूँ (मैं ना जानूँ क्यूँ)

मैं ना जानूँ क्यूँ (मैं ना जानूँ क्यूँ)

मैं ना जानूँ क्यूँ (मैं ना जानूँ क्यूँ)

更多Jubin Nautiyal/Faridkot热歌

查看全部logo

猜你喜欢