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JINIGIYA KE KHELA SAMAJH ME NA AAVE

khesari lal yadavhuatong
minda.miloffhuatong
歌词
作品
मन सपना के, महल बनावे

मन सपना के, महल बनावे

दुनिया…ढेला चलावे…

जिनिगिया के,…

खेला समझ मे ना आवे

जिनिगिया के…खेला समझ मे ना आवे

जब जब दिन बिगडे पर होला

केहू रोक ना पावे

हो…जब जब दिन, बिगडे पर होला…

केहू रोक ना पावे…

जाने का लि…खल किस्मत में

जाने का लि…खल किस्मत में

ई ना पता चल पावे…

जिनिगिया के…

खेला समझ मे ना आवे…

जिनिगिया के, खेला समझ मे ना आवे…

समय हसावे…समय रोवावे…

समय ही नाच नचावे

समय हसावे समय रोवावे

समय ही नाच नचावे

जान बुझ के ना कोई माली

जान बुझ के ना कोई माली

आपन बागीयां जलवे…

जिनिगिया के…

खेला समझ मे ना आवे…

जिनिगिया के, खेला समझ मे ना आवे…

बनल के साथी, सब कोई होला

बिगड़े प मुँह घुमावे, हाय…

हो…ओ…बनल के साथी सब कोई होला

बिगड़े प मुँह घुमावे,

सुरज के डूबते परछाई भी

सुरज के डूबते परछाई भी

आपन साथ छोडवे…

जिनिगिया के…

खेला समझ मे ना आवे…

जिनिगिया के, खेला समझ मे ना आवे…

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