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Aai Ghir Ghir Sawan Ke

Kishore Kumar/Sabita Chowdhuryhuatong
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歌词
作品
आयी घिर घिर सावन की काली काली घटाएं

झूम झूम चलि भीगी भीगी हवाये

ऐसे में मन मेरे कुछ तो कहो कुछ तो कहो

चुप न रहो

आयी घिर घिर सावन की काली काली घटाएं

झूम झूम चलि भीगी भीगी हवाएं

ऐसे में मन मेरे कुछ तो कहो कुछ तो कहो

चुप न रहो

गामाप गसागसा निसाध सानिसा धपम

रेगम रेनिरेनि धनिप सानिसा धपग

जो खयालों में रहते है मुझे अपना जो केहते है

जो खयालों में रहते है मुझे अपना जो केहते है

मेरे सुख दुःख सरे हंस के जो सेहते है

वो दूर से कहीं मजबहुर से दे रहे है सदाएं

आयी घिर घिर सावन की काली काली घटाएं

झूम झूम चलि भीगी भीगी हवाएं

ऐसे में मन मेरे कुछ तो कहो कुछ तो कहो

चुप न रहो

पधनिसारे धानिसा रेगरे सा

धसा धसा धप मगप

रंग मोसम कई बदले रात हो या के दिन निकले

रंग मोसम कई बदले रात हो या के दिन निकले

उनसे ही चलते है सांसों के सिलसिले

ए मेरे दिल चल अब उनसे मिल

धड़कने यही गाएं

आयी घिर घिर सावन की काली काली घटाएं

झूम झूम चलि भीगी भीगी हवाएं

ऐसे में मन मेरे कुछ तो कहो कुछ तो कहो

चुप न रहो

गामाप गसागसा निसाध सानिसा धपम

रेगम रेनिरेनि धनिप सानिसा धपग

याद उनकी जहां आए एक नशा सा छलक जाए

याद उनकी जहां आए एक नशा सा छलक जाए

मैं संभालूँ दिल को दिल मुझे समझाए

जब रुत खिले ऐसा साथी मिले होश में क्यों आये

आयी घिर घिर सावन की काली काली घटाएं

झूम झूम चलि भीगी भीगी हवाएं

ऐसे में मन मेरे कुछ तो कहो कुछ तो कहो

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