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Maujon Ki Doli Chali Re

Kishore Kumarhuatong
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歌词
作品
मौजों की डोली चली रे

चली परदेस चली

बगिया से बाबुल की

तोड़ के पिया ले चला प्रेमकली रे

मौजों की डोली चली रे

चली परदेस चली

बगिया से बाबुल की

तोड़ के पिया ले चला प्रेमकली रे

मौजों की डोली चली रे

पनघट तक आयी सखिया सहेलिया

पनघट तक आयी सखिया सहेलिया

रहे गयी पीपल की छाँव में सब पहेलिया

छूट गयी वो गली रे

मौजों की डोली चली रे

चली परदेस चली

बगिया से बाबुल की

तोड़ के पिया ले चला प्रेमकली रे

मौजों की डोली चली रे

नदिया धीरे बहो दुल्हन शरमाये

नदिया धीरे बहो दुल्हन शरमाये

मन हिचकोले खाए घूँघट ना खुल जाए

पवन बड़ी मनचली रे

मौजों की डोली चली रे

चली परदेस चली

बगिया से बाबुल की

तोड़ के पिया ले चला प्रेमकली रे

मौजों की डोली चली रे

हो हो हो

बिंदिया ऐसी लगी जैसे कोई जादू जगा

बिंदिया ऐसी लगी जैसे कोई जादू जगा

गोरा मुख थोडासा देखा तो बस ऐसा लगा

भोर भयी रैन ढली रे

मौजो की डोली चली रे

चली परदेस चली

बगिया से बाबुल की

तोड़ के पिया ले चला प्रेमकली रे

मौजो की डोली चली रे

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