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SUN RE E KRISHNA MURARI

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歌词
作品
सुन रे ए कृष्ण मुरारी

रहता है साथ हमारी

क्यों तू रोज़ाना सुबह शाम

जा रे जा जा रे घनश्याम

सुन रे ए कृष्ण मुरारी

रहता है साथ हमारी

क्यों तू रोज़ाना सुबह शाम

जा रे जा जा रे घनश्याम

सुन रे ए कृष्ण मुरारी

रहता है साथ हमारी

क्यों तू रोज़ाना सुबह शाम

जा रे जा जा रे घनश्याम

जय श्री गिरधर गोपाल

जय श्री मदन मुरारी

जय श्री वृंदावन बिहारी

जल भरने को जब जायें

रहता है पीछे पीछे

जल भरने को जब जायें

रहता है पीछे पीछे

बंशी बजाता रहता

बैठा कदम्बौ के नीचे

बंशी बजाता रहता

बैठा कदम्बौ के नीचे

चुपके से मौका पाकर

चुनरी या चीर खींचे

चुपके से मौका पाकर

चुनरी या चीर खींचे

जा रे ओ ढीठ अनाड़ी

हम पर क्यों नीयत बिगारी

क्या है रे हमसे तुझे काम

जा रे जा जा रे घनश्याम

सुन रे ए कृष्ण मुरारी

रहता है साथ हमारी

क्यों तू रोज़ाना सुबह शाम

जा रे जा जा रे घनश्याम

बोलो बंशी वारे की....जय

मदन गोपाल की.....जय

राधा के श्याम की.....जय

चुपके से रातों में तू

गुजरिन के घर जाता है

चुपके से रातों में तू

गुजरिन के घर जाता है

गौरस रखा हो जो भी

उसको तू खा जाता है

गौरस रखा हो जो भी

उसको तू खा जाता है

खुद तो खावै सो खावै

ग्वालों से लुटवाता है

खुद तो खावै सो खावै

ग्वालों से लुटवाता है

पक्का है चोर लुटेरा

क्या है इरादा तेरा

कर देना हमको ना बदनाम

जा रे जा जा रे घनश्याम

सुन रे ए कृष्ण मुरारी

रहता है साथ हमारी

क्यों तू रोज़ाना सुबह शाम

जा रे जा जा रे घनश्याम

बोलो गोविन्द गोपाल की...जय

बोलो कन्हैया लाल की....जय

बोलो मीरा के गिरधारी की..जय

हम वें नहीं हैं तेरी

बंशी पर जो लुट जायें

हम वें नहीं हैं तेरी

बंशी पर जो लुट जायें

लोहा हैं काठ नहीं हैं

आरी से जो कट जायें

लोहा हैं काठ नहीं हैं

आरी से जो कट जायें

कहता 'उमेश' मीठी

बातों से जो पट जायें

कहता 'उमेश' मीठी

बातों से जो पट जायें

सुन ओ गायों के ग्वाले

काहे को डोरे डाले

मत घुमे पीछे आठों याम

जा रे जा जा रे घनश्याम

सुन रे ए कृष्ण मुरारी

रहता है साथ हमारी

क्यों तू रोज़ाना सुबह शाम

जा रे जा जा रे घनश्याम

जय श्री राधे कृष्णा

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