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Tum Prem Ho

Mohit Lalwani/Bharat Kamalhuatong
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歌词
作品
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो

मेरी बांसुरी का गीत हो

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो

मनमीत हो राधे...मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो...तुम प्रीत हो...

मेरी बांसुरी का गीत हो

तुम ही ह्रदय में, प्राण में... राधा

तुम ही ह्रदय में, प्राण में

निसदिन तुम्हीं हो ध्यान में

तुम ही ह्रदय में, प्राण में

निसदिन तुम्हीं हो ध्यान में

हर रोम में तुम हो बसे

हर रोम में तुम हो बसे

तुम विश्वास के आह्वान में

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो तुम गीत हो राधे

मेरे मनमीत हो

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो तुम गीत हो राधे

मेरे मनमीत हो

तुम प्रेम हो... तुम प्रीत हो...

मेरी बांसुरी का गीत हो

हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ... राधा

हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ

तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ

हूँ मैं जहाँ तुम हो वहाँ

तुम बिन नहीं है कुछ यहाँ

मुझमें धड़कती हो तुम्ही

मुझमें धड़कती हो तुम्ही

तुम दूर मुझसे हो कहाँ

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो

हो भविष्य तुम राधे तुम ही अतीत हो

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो

मनमीत हो... राधे मेरी मनमीत हो

तुम प्रेम हो... तुम प्रीत हो...

मेरी बांसुरी का गीत हो

परमात्मा का स्पर्श हो... राधे

परमात्मा का स्पर्श हो

पुलकित ह्रदय का हर्ष हो

परमात्मा का स्पर्श हो

पुलकित ह्रदय का हर्ष हो

तुम हो समर्पण का शिखर

तुम हो समर्पण का शिखर

तुम ही मेरा उत्कर्ष हो..

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो

मेरी भावना की तुम, राधे जीत हो

तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो

मेरी भावना की तुम...राधे जीत हो

तुम प्रेम हो... तुम प्रीत हो...

पावन प्रणय की रीत हो

राधाकृष्णा कृष्णाराधा

राधाकृष्णा कृष्णाराधा

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