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Rahein Na

Neelam Dixithuatong
alkalefrotohuatong
歌词
作品
रहें ना रहें हम

महका करेंगे

बन के कली

बन के सबा

बाग़े वफ़ा में

रहें ना रहें हम

मौसम कोई हो इस चमन में

रंग बनके रहेंगे हमखी रामा में

चाहत की खुशबू, यूँ ही ज़ुल्फ़ों

से उड़ेगी, खिज़ायों या बहारें

यूँही झूमते, युहीँ झूमते और

खिलते रहेंगे, बन के कली

बन के सबा बाग़ें वफ़ा में

रहें ना रहें हम

महका करेंगे

बन के कली

बन के सबा

बाग़े वफ़ा में

खोये हम ऐसे क्या है मिलना

क्या बिछड़ना नहीं है, याद हमको

गुंचे में दिल के जब से आये

सिर्फ़ दिल की ज़मीं है, याद हमको

इसी सरज़मीं, इसी सरज़मीं पे

हम तो रहेंगे, बन के कली

बन के सबा बाग़े वफ़ा में

रहें ना रहें हम

जब हम न होंगे जब हमारी

खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते

अश्कों से भीगी चांदनी में

इक सदा सी सुनोगे चलते चलते

वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं हम

तुमसे मिलेंगे, बन के कली

बन के सबा बाग़े वफ़ा में

रहें ना रहें हम

महका करेंगे

बन के कली

बन के सबा

बाग़े वफ़ा में

रहें ना रहें हम

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