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Jay jay Bhairavi

Rajni Pallavihuatong
piperhughhuatong
歌词
作品
जय जय भैरवि असुर भयाउनि

पशुपति भामिनी माया

सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि

अनुगति गति तुअ पाया...जय जय भैरवी...

वासर रैनि सबासन शोभित २

चरण चन्द्रमणि चूड़ा

कतओक दैत्य मारि मुख मेलल

कतओ उगिलि कएल कूड़ा...जय जय भैरवी.

सामर बरन नयन अनुरंजित २

जलद जोग फुलकोका

कट कट विकट ओठ पुट पांडरि

लिधुर फेन उठ फोंका...जय जय भैरवी.(full)

घन घन घनय घुंघरू कत बाजय २

हन हन कर तुअ काता

विद्यापति कवि तुअ पद सेवक

पुत्र बिसरू जनि माता

जय जय भैरवि असुर भयाउनि

पशुपति भामिनी माया

सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि

अनुगति गति तुअ पाया

जय जय भैरवि असुर भयाउनि

पशुपति भामिनी माया

सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि

अनुगति गति तुअ पाया

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