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Jo Beech Bajariya

Sandeep Chandelhuatong
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歌词
作品
जो बीच बजरिया आआआ...

जो बीच बजरिया तूने मेरी पकड़ी बईया, मैं सबको बोल दूंगी।

जब रात में कोई ना जागे अइयो सैय्या, मैं खिड़की खोल दूंगी।

जो बीच बजरिया तूने मेरी पकड़ी बईया, मैं सबको बोल दूंगी।

जब रात में कोई ना जागे अइयो सैय्या, मैं खिड़की खोल दूंगी।

हूं।

झूलने का झूला साजन तुझे मैं झुलाऊंगी।

कलियों की साज बाना तुझको तुलाऊंगी।

झूलने का झूला साजन तुझे मैं झुलाऊंगी।

कलियों की साज बाना तुझको तुलाऊंगी।

अपने होठों का आआआ...

अपने होठों का रस तेरे होठों पे राजा, कसम से घोल दूंगी।

अपने होठों का रस तेरे होठों पे राजा, कसम से घोल दूंगी।

जब रात में कोई ना जागे अइयो सैय्या, मैं खिड़की खोल दूंगी।

करूंगी गुलामी तेरे, नखरे उठाऊंगी।

चढ़ती जवानी सारी, तुझ पर लगाऊंगी।

करूंगी गुलामी तेरे, नखरे उठाऊंगी।

चढ़ती जवानी सारी, तुझ पर लगाऊंगी।

सोने चांदी में सोने चांदी में एक दिन मोरे बांके बलमा तुझे मैं तोल दूंगी।

जब रातमा कोई ना जागे अइयो सैय्या, मैं खिड़की खोल दूंगी।

जो बीच बजरिया तूने मेरी पकड़ी बईया, मैं सबको बोल दूंगी।

जब रातमा कोई ना जागे अइयो सैय्या, मैं खिड़की खोल दूंगी।

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