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Bachpan

Shubham Kabrahuatong
mirausa2huatong
歌词
作品
करवटें सुनाती यह दास्तान अजीब

बचपन में जो लगती नींद वो नही

आसमानी रंगों सी थी यह सुबह

देखते ही देखते ना जाने क्या हुआ

यह जो एहसास था, नादानियाँ कहाँ

रास्ते गुज़रते, यह क्या हो गया

बेफिकर यह जहाँ, बेफिकर आसमान

ना पूछा किसी ने, यह क्या हो गया

हस्ते हस्ते गिरना सीखा

दिल जो यह रोया समझा ना था

पहलू में चूपता दिल यह आवार

मनमर्ज़िया थी ख्वाहिश भरा

उड़े थे ख्वाब ऐसे काट ते अंधेरे जैसे

स्कूल के वो रास्ते, दोस्तों के पास थे

यादो की तितलियाँ यह उड़ती फिरती गिरती गाती

किससे और कहाँिया हुमको अब कहा सुनाती

क्यूँ वो बचपन चला किससे कहाँ

हम तुम जो ठहरे, यह क्या हो गया

बेफिकर यह जहाँ, बेफिकर आसमान

ना पूछा किसी ने, यह क्या हो गया

यह जो एहसास था, नादानियाँ कहा

रास्ते गुज़रते, यह क्या हो गया

बेफिकर यह जहाँ, बेफिकर आसमान

ना पूछा किसी ने, बचपन खो गया

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