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Sadkon Ke Deepak

Vijaynarain/Dopeadeliczhuatong
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歌词
作品
सड़कों के दीपक मैं पड़े हम

खुद के बल पे ही आगे बढ़े

भले हम ग़रीबी में जीए

अब जहां खड़े इतिहास रचे

सड़कों के दीपक मैं पड़े हम

खुद के बल पे ही आगे बढ़े

भले हम ग़रीबी में जीए

अब जहां खड़े इतिहास रचे

Welcome to my hood

यह ही तो है अपना इल्लाका खिकध विचड़ रहगा

तो भी अपना दिल है साफ़ बेटा

जलता क्यू रे अपना इल्लाका city के बीच में

जाती वाद छोढ़के हम रहते एक साथ पे

मचाना र्हुकते नही hip hop की इधर संस्कृति है

तुजे में है होंसला तो उपर आके हम से मिल ले

समजेगा कला मेरी ज्ञान तुजे होगा जितना

नज़रिया दे बदल ज़मीन पे बदलाव देख ना

घर पे तू बैठे बैठे परेशन होता है क्यू

तेरे क्यू है ख्वाब तेरे लख़्शोंको ना भूलना तू

बुराई फेक अभी रास्ते एकता की

गली में रहके देख टाक़त क्या है एकता की

मेरे क्या रंग रंग गानो में ही देख ले तू

मेरे जो गीत तेरे ख़सम लोग से सुन्न ले तू

सुनेगा गौर से तो समजेगा तू क्रांति को

हक़ीकत है जो ज़ी राहा हाँ यहाँ बोलता जो (हाँ यहाँ बोलता जो)

सड़कों के दीपक मैं पड़े हम

खुद के बल पे ही आगे बढ़े

भले हम ग़रीबी में जीए

अब जहां खड़े इतिहास रचे

सड़कों के दीपक मैं पड़े हम

खुद के बल पे ही आगे बढ़े

भले हम ग़रीबी में जीए

अब जहां खड़े इतिहास रचे

सर झुकाके जीते थे अब छाती फैलाके चलते है

एक होकर बने रहे ना किसकी आस में जीते है

घर है छोटे छोटे पर ये लोगों के दिल है बड़े बड़े

खुद की मेहनत पर है भरोसा ना किसी के हम बल पे खड़े

सपने सारे सच होंगे स्थित्ति को बदल देंगे

एकता हमारी ना टूटेगी

सपने सारे सच होंगे स्थित्ति को बदल देंगे

एकता हमारी ना टूटेगी (एकता हमारी ना टूटेगी)

रोटी कपड़े घर जैसे शिक्षण भी अपनी ज़रूरत है

इसे जानके सीखले पड़ले बदले चढ़ तू मंच पर

गिरीगी तालियों की बारिश

सड़कों के दीपक मैं पड़े हम

खुद के बल पे ही आगे बढ़े

भले हम ग़रीबी में जीए

अब जहां खड़े इतिहास रचे

सड़कों के दीपक मैं पड़े हम

खुद के बल पे ही आगे बढ़े

भले हम ग़रीबी में जीए

अब जहां खड़े इतिहास रचे

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