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Amrit Ke Dhaar Kehu

Alok Kumarhuatong
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歌詞
作品
अमृत के धार केहू केतनो पियाई एगो माई बिना

अमृत के धार केहू केतनो पियाई एगो माई बिना

कइसे करेजवा जुड़ाई ऐ भाई एगो माई बिना

कइसे करेजवा जुड़ाई ऐ भाई एगो माई बिना

करे ऐ एहसान माई दुनिया देखावेली

बोले बतियावे और चले भी सिखावेली

हां..करे ऐ एहसान माई दुनिया देखावेली

बोले बतियावे और चले भी सिखावेली

मिल जाई अन्न धन तो मिले सुख पूरा

माई के दुलार बिना सब कुछ अधूरा

अचरा ओढ़ा के के कहो दुधवा पियाई एगो माई बिना

कइसे करेजवा जुड़ाई ऐ भाई एगो माई बिना

कइसे करेजवा जुड़ाई ऐ भाई एगो माई बिना

नव माह कोखिया में रखलू सहज के

दिहलू जनमवा माई सारा सुख तेज के

हो..नव माह कोखिया में रखलू सहज के

दिहलू जनमवा माई सारा सुख तेज के

कइसे गिनाई तोहर केतनो उपकार वा

रोवा रोवा माई हो तोहर कर्जदार वा

करी के जिउतिया उमरिया बढ़ाई एगो माई बिना

कइसे करेजवा जुड़ाई ऐ भाई एगो माई बिना

कइसे करेजवा जुड़ाई ऐ भाई एगो माई बिना

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