तुम याद आओ तो परवाह नहीं
हम को भूला दो तो शिकवा नहीं
दुनिया-ज़माने में बहलाना हो दिल तोह
मिलता यहाँ क्या नहीं
तुम मेरे ना हुए ना सही
तुम मेरे ना हुए ना सही
तुम मेरे ना हुए ना सही
तुम मेरे ना हुए ना सही
खुदाया वे खुदाया वे
क्यों मैंने दिल लगाया वे
लहू आँखों से आया वे
खुदाया वे खुदाया वे
इतने गए गुज़रे भी हम नहीं
के गिर के संभल ना सकें
आदत थे तुम मेरी क़िस्मत नहीं
के जिसको बदल ना सकें
इतने गए गुज़रे भी हम नहीं
के गिर के संभल ना सकें
आदत थे तुम मेरी क़िस्मत नहीं
के जिसको बदल ना सकें
भर ना सके वक़्त के साथ जो
ये ज़ख्म उतना भी गहरा नहीं
टूटा है दिल फिर भी इतना नहीं के
जुड़ेगा दोबारा नहीं
तुम मेरे ना हुए ना सही
आ तुम मेरे ना हुए ना सही
तुम मेरे ना हुए ना सही
खुदाया वे खुदाया वे
क्यों मैंने दिल लगाया वे
लहू आँखों से आया वे
खुदाया वे खुदाया वे
खुदाया वे खुदाया वे क्यों मैंने दिल लगाया वे
लहू आँखों से आया वे खुदाया वे खुदाया वे
तुम मेरे ना हुए ना सही