सर्द सी इस रात में मैं तुझे सुन रहा
सर्द सी इस रात में मैं तुझे सुन रहा
क्या मुझे भी तू आज यूँ सुन रही
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
तेरे चेहरे की शोख़ी तेरी ज़ुल्फ़ों की बदली
आज क्यूँ खो रही ग़मज़दा हो रही
तू क्यूँ रो रही
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
तारों की ये रात ये तेरी मीठी बात
हरपल सुबह ओ शाम तू मेरा कारवाँ
तो फ़िर क्या हुआ जो तू ना यहाँ
तो फ़िर क्या हुआ जो तू ना यहाँ
सर्द सी इस रात में मैं तुझे सुन रहा
क्या मुझे भी तू आज यूँ सुन रही
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म
हम्म्म हम्म्म हम्म्म हम्म्म