menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

LEHNGO BIKANER KO

DIVYA CHOUHANhuatong
zakenvrouw1huatong
歌詞
作品
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कौसलपुर राजा।।

गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।।

गरुड़ सुमेरु रेनू सम ताही। राम कृपा करि चितवा जाही।।

अति लघु रूप धरेउ हनुमाना। पैठा नगर सुमिरि भगवाना।।

मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा। देखे जहँ तहँ अगनित जोधा।।

गयउ दसानन मंदिर माहीं। अति बिचित्र कहि जात सो नाहीं।।

सयन किए देखा कपि तेही। मंदिर महुँ न दीखि बैदेही।।

भवन एक पुनि दीख सुहावा। हरि मंदिर तहँ भिन्न बनावा।।

दो0-रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ।

नव तुलसिका बृंद तहँ देखि हरषि कपिराइ।।5।।

更多DIVYA CHOUHAN熱歌

查看全部logo