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Jaadu Karke Bhajan By Indresh Ji Upload By Sanayu

Indresh Upadhyay Jihuatong
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歌詞
作品
सुन राधिका दुलारी, तेरे द्वार का भिखारी,

तेरे श्याम का पुजारी, एक पीड़ा है हमारी ,

हमें श्याम ना मिला …

हम सोचते थे कान्हा कही, कुंजन में होगा,

अभी तो मिलन का हमने सुख नहीं भोगा,

ओ सुनके प्रेम कि परिभाषा, मन में बंधी थी जो आशा,

आशा भई रे निराशा, झूटी दे गया दिलाशा,

हमें श्याम ना मिला…

सुन राधिका दुलारी, तेरे द्वार का भिखारी….

देता है कन्हाई जिसे, प्रेम कि दिशा,

सब विधि उसकी लेता भी है परीक्षा,

ओ कभी निकट बुलाये, कभी दूरियाँ बढ़ाये,

कभी हषायें रुलाये, छलिया हाथ नहीं आये,

हमें श्याम ना मिला…

सुन राधिका दुलारी, तेरे द्वार का भिखारी…

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