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Teri Ore (1st Verse)

Justhhuatong
muneca_fielhuatong
歌詞
作品
हर शाम को मैं तन्हाई से मिलके आता हूँ

सुनी राहो में कभी गुलाब उगता हूँ

राहें खाली हो गई हैं मंज़िल है सफ़ेद

जेबे आधी भर रही हैं जेबो में है छेद

तुमसे मिलता हूँ तो खुदसे मिलके आता हूँ

खुदसे बातें करके फिर खफा हो जाता है

मन मेरा क्यों चल रहा है ये राहो से है तेज़

जेबे यादें भर रही है जेबो में है छेद

मैं चल रहा हूँ तेरी ओर, तेरी ओर

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