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Ishq

Paresh Pahujahuatong
🅼🅰🅳🅳🆈Ocean🎶huatong
歌詞
作品
समझे नहीं, ये इश्क़ इतना भी क्या

आसान नहीं सहना ये बेचैनियाँ

समझे नहीं, ये इश्क़ इतना भी क्या

आसान नहीं सहना ये बेचैनियाँ

शिकवे करें, हम नाराज़ हैं भी तो क्या

दीवारों को आवाज़ें दें भी तो क्या

समझे नहीं, ये इश्क़ इतना भी क्या

शीशा है दिल, पत्थर का है वो ख़ुदा

हो, अपना शहर भी ना अपना रहा

उसकी गली पर ना छोड़ी गई

१०० लाख टुकड़ों में टूटा ये दिल

इससे क़सम पर ना तोड़ी गई

हम क्या ही बोलें, लिख दें तो क्या

देखा है वो, जो ना देखा गया

जो दे सज़ा उससे है इल्तिजा

दम घोंट दे मेरी उम्मीद का

समझे नहीं, ये इश्क़ इतना भी क्या

मैं वो नहीं तुमसे था तब जो मिला

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