मैं नहीं हूँ
तुम नहीं हो
यहाँ पे हम ही हम दें दिखाइ दें सुनाई
यहाँ पे हम ही हम
दिल ना जाने
क्या पकाए
ज़रा सी आँच पर
ज़ायको में
घुल रहे हैं
यहाँ पे हम ही हम
क़ायदो के दायरो से
निकल चलें कहीं
तय जहाँ पे
चाहतों के
हैं मायने नहीं
दिल ना जाने
क्या पकाए
ज़रा सी आँच पर
ज़ायको में घुल रहे हैं
यहाँ पे हम ही हम
यह जो है
वो है
ना ज़्यादा ना ही कम
इश्क़ की
मौजों पे
बहेंगे हम ही हम
हम
हम
हम
हम
हम हम