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Ghumsum Sa Hai

Soumya Mukherjeehuatong
ooottthhhhuatong
歌詞
作品
चाँद छुपा बादल में

शरमा के मेरी जाना

सीने से लग जा तू

शरमा के मेरी जाना

गुमसुम सा है, गुपचुप सा है

मदहोश है, खामोश है

ये समा, हाँ ये समा, कुछ और है

हो हो, चाँद छुपा बादल में

शरमा के मेरी जाना

हमदर्द है हमदम भी है तू साथ है तो ज़िन्दगी

तू जो कभी दूर रहे यह हमसे हो जाये अजनबी

तुझसे महोबबत करते है जो

तुझसे महोबबत करते है जो

कैसे करे हम उसको है याद

बातें ये कभी ना तू भूलना

कोई तेरे खातिर है जी रहा

जाए तू कहीं, भी ये सोचना

कोई तेरे खातिर है जी रहा

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