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Sham Rangeen Hui Hai

Usha Mangeshkar/Suresh Wadkarhuatong
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歌詞
作品
शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह

सुर्मई रंग सजा है तेरे काजल की तरह

पास हो तुम मेरे दिल के मेरे आँचल की तरह

मेरी आँखों में बसे हो मेरे काजल की तरह

शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह

आसमां है मेरे अर्मानों के दर्पन जैसे

आसमां है मेरे अर्मानों के दर्पन जैसे

दिल यूँ धड़के मेरा खनके तेरे कँगन जैसे

मस्त हैं आज हवाएं मेरी पायल कि तरह

सुर्मई रँग सजा है तेरे काजल की तरह

शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह

मेरी हस्ती पे कभी यूँ कोई छाया ही न था

मेरी हस्ती पे कभी यूँ कोई छाया ही न था

तेरे नज़्दीक मैं पहले कभी आया ही न था

मैं हूँ धरती की तरह तुम किसी बादल की तरह

सुर्मई रँग सजा है तेरे काजल की तरह

आ शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह

ऐसी रँगीन मुलाक़ात का मतलब क्या है

ऐसी रँगीन मुलाक़ात का मतलब क्या है

इन छलकते हुए जज़बात का मतलब क्या है

आज हर दर्द भुला दो किसी पागल की तरह

सुर्मई रँग सजा है तेरे काजल की तरह

शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह

पास हो तुम मेरे दिल के मेरे आँचल की तरह

शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह

पास हो तुम मेरे दिल के मेरे आँचल की तरह

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